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Kavita Kosh से
क्या तुम जीते क्या मैं हारी
भूख हिकारत हिक़ारत और गरीबीग़रीबीकिसको कहते हैं खुद्दारीख़ुद्दारी?
दुनिया की सुंदरतम् कविता
सोंधी रोटी, दाल बघारी
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