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कवि-चरित्र को बेच न देना, कुछ तमगों के लालच में,
लक्ष्य लेखनी का होता बस, सरस्वती माँ का अर्चन।
आधार छंद-लावणी
विधान-30 मात्रा, 16, 14 पर यति, अंत में वाचिक गा
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