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रेशमी-सी छुअन फागुनी धूप में।
डालियाँ बाल-कोपल कोंपल लिए गोद में,
दादियों-सी मगन फागुनी धूप में।
संतुलित आचमन फागुनी धूप में।
ले विदा शीत 'नीरव ' पलट घूम कर,
कर रहा है नमन फागुनी धूप में।
आधार छन्द–वाचिक स्रग्विणी
मापनी–गालगा गालगा-गालगा गालगा
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