Changes

वर्तनी
|रचनाकार=कविता वाचक्नवी
}}
'''
''' सूर्य-नमस्कार '''''
 
झिर्रियों की धूप
देती है - आभास
बाहर
उग गया है - , सूर्य ।
कुछ पल
लुके - छिपे, बंद झरोखों - दरारों से
झाँक लेगा
59
edits