अपनो वयस ओतहि बितओता, हमर कोन अपराध यो -2
फागुन हे सखि आम मजरल, कोइली बाजे घमसान यो
कोइली शब्द सुनि हिय मोर सालय, नयना नीर बहि गेल यो-2
चैत हे सखि पर्व लगईछई, जाय सब सखी गंगा स्नान योसब सखी पहिरे पियरी पीताम्बर, हमरा के देव दुःख देल यो-2बैसाख हे सखि उसम ज्वाला, घाम सं भीजल शरीर देह योरगरि चन्दन अंग लेपितहूँ, जून जों गृह रहितथि कन्त यो-2
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