पगडंडी पर आस लिए बैठे किसान का माथा लिखना।
हार गया मैं जिन मोड़ो मोड़ों पर उन मोड़ो मोड़ों पर आना जाना।
साथी मेरे अपने गीतों से जन जन का मन बहलाना।
बहुत मिलेंगे यार तुम्हे दुनियादारी सिखलाने वाले
लेकिन आंसू देख किसी के अपनी भी आँखे नम करना।
इच्छित मंजिल पा लेने की जिद ज़िद में ध्यान रहे यह प्यारे
भाग्य बड़ा होता जीवन में अनुचित पथ पर पाँव न धरना।
स्वाभिमान की कीमत क़ीमत पर जो मिले उसे फौरन फ़ौरन ठुकराना।
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