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प्रणामांजलि / लावण्या शाह

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माँ सरस्वती सदा कृपा हम पर कीजिये,<br>
गिरुजनोँ गुरुजनोँ के प्रति विनीत होँ, आषिश आशिष हमको दीजिये !<br>
भूल हरेक भेद ~ भाव, स्नेह से बँध कर रहेँ,<br>
जाति ~ पाति, भेद ~ भाँर्तिभाव, दूर कर सकेँ,<br>प्रेम के ही पँथ पंथ पर सब के पग पडेँ <br>
माँ सरस्वती सदा<br>
सूर्य ~ सा प्रकाश मन मेँ , फैल कर बढे,<br>
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