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Kavita Kosh से
बहुत अहम काम
आपके जिम्मे है, साहब!
''लाज़िम है''''कि हम परखते रहें''''आप सुच्चे हैं, कि सड़ गये!'''
''['''*'''न्यायतंत्र की पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने और नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण एवं अन्य सभी प्रतिबद्ध नागरिकों के सतत संघर्ष को समर्पित]''
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