भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= सुरेन्द्र डी सोनी
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक हरिण और तुम इंसान / सुरेन्द्र डी सोनी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
पानी !
तुझसे बात न कर पाने की तड़प
अब जीने न देगी मुझे –

जब तू आँसू होता है
तो तुझसे पहले
बोल पड़ती है आँख…

चरणामृत होता है
तो अँजुरी मुस्कुरा उठती है…

प्यास में होंठ इतने अधीर हो जाते हैं
कि उनकी लरज़ में
खो जाते हैं मेरे प्रश्न…

नल के तले
घड़े में समाता तेरा रूप
जाने क्या गुनगुनाता है
कि तुझे बीच में रोकना
मुझे धृष्टता लगती है…

कई अवसरों पर
तुझसे भरे कलश में
जब मैं झाँका
तो ख़ुद का चेहरा आड़े आ गया…

नदी के पुल पर गया
तो मौत के भय ने
तुझसे बात न करने दी…

सागर के तट पर जाकर खड़ा हुआ
तो जैसे सागर ही मुझसे पूछने लगा -
सुनामी को भूल गए क्या..?

पानी !
हर बन्धन को तोड़कर
क्यों तू मुझसे बात नहीं करता..?

कल तकिए को यह कहकर सोया -
भाई !
सपने में आज
पानी से ज़रूर मिलवा देना..

तुम आए भी सपने में
लेकिन झरना बनकर -
गिरते ही रहे
घाटी के घने केशों में…

बहुत मथा मैंने अपने आप को
कि क्यों मैं व्याकुल हूँ इतना
तुझसे संवाद करने को...
वह कौनसा रहस्य है
जो मेरी बुद्धि के समक्ष खुलने से घबराता है...?

क्यों मैं जब चाहे हठ करके
हवा से लिपट जाता हूँ
मिट्टी में लोट जाता हूँ
कि एक बार
सिर्फ़ एक बार
पानी से कुछ पूछ सकूँ
कुछ बता सकूँ उसे…

क्यों इतना विदग्ध हूँ मैं...?
विक्षोभ की
व्यक्त-अव्यक्त पीड़ा को सहते-सहते
क्या यह उम्र गुज़र जाएगी...?

यदि यही सत्य है
कि न होगी बात तुझसे
तो फिर क्या ज़रूरी है
पीड़ा को सहना
तृष्णा को पालना...?

एक दिन...
ख़ूब गरज़े बादल
ख़ूब चमकी बिजलियाँ...

अपनी तेज़ बौछार के साथ
खिड़की के रास्ते
मेरे बदन को
महकाने लगे तुम

सारा शहर
बन्द कर-करके दरवाज़े-खिड़कियाँ
तुम्हारे थमने के इन्तज़ार में
जैसे नज़रबन्द हो गया था...

...लेकिन
मैं होकर छोटा बच्चा
फेंककर अपनी बनियान गली में
जा खड़ा हुआ
खुली छत पर

ख़ूब भीगा मैं
ख़ूब रोया तुम्हारा आलिंगन पाकर...

बरसों बाद
यह समझ में आया
कि पानी से बात करने के लिए
पानी होना पड़ता है !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits