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03:49, 27 अगस्त 2020 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पूजा प्रियम्वदा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
यू-टर्न लेना था
नहीं लिया
सड़क सीधी
वहाँ जाती है
जहाँ से आगे
कहीं नहीं जाती
एक फ्रोज़न कंधा है
एक बर्फ़ रूह है
डॉक्टर सोचते हैं
दवा से न तो दुआ से
दिल जानता है
लाइलाज है
मेरा बेपनाह, बेघर होना
</poem>