भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
जल की श्वेत धार बहती है सागर के नीले तट पर
लाजूर<ref>दक्षिण-पूर्वी भूमध्य सागर के किनारी फ़्रांसीसी तट, जहाँ पानी एकदम नीला है।</ref> के कोमल तट पर छलके निर्दोष पीत अक्तूबर
झड़ गिरे पेड़ों से पत्तियाँ, जैसे उड़ें हवा में नवि<ref>नट</ref>
इन-बड़े सरोवरों में झलके उनकी अनन्त अलस छवि
जमा हुए मृत जल पर, गिरकर तड़पें जैसे कोई पशु