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जन्म-भूमि / शैलेन्द्र

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|रचनाकार=शैलेन्द्र |अनुवादक=|संग्रह=न्यौता और चुनौती / शैलेन्द्र
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मेरी जन्म-भूमि,
 
मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
 
नीलम का आसमान है, सोने की धरा है,
 
चाँदी की हैं नदियाँ, पवन भी गीत भरा है,
 
मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
 
ऊँचा है, सबसे ऊँचा जिसका भाल हिमाला,
 
पहले-पहल उतरा जहाँ अंबर से उजाला,
 
मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
 हर तरफ़ नवीन मौज, हर तरफ़ लहर नवीन, चरण चूमते हैं रूप मुग्ध सिन्धु तीन, 
मेरी जन्म-भूमि, मेरी प्यारी जन्म-भूमि !
इज्ज़्त इज़्ज़त प तेरी माता,  यह जान भी निसार ! 
सौ बार भी मरेंगे हम,
जन्में जहाँ इकबार !
जन्में जहाँ इकबार !  '''1947 में रचित</poem>
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