गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ग़ुलामी / शिवनारायण जौहरी 'विमल'
4 bytes removed
,
08:25, 4 नवम्बर 2020
{{KKCatKavita}}
<poem>
तब
'
"
में" मेरा कुछ भी
नहीं था मेरे पास
"मेरा" शब्द तो सुना ही नहीं था
कैसे जाऊँ माँ की गोद में वापस
समय कभी लौटा नहीं पीछे
गुलामी यूं चिपक कर रह
गई॥।
गई॥
</poem>
सशुल्क योगदानकर्ता ५
Delete, Mover, Reupload, Uploader
17,192
edits