Changes

बौड़ी आवा पहाड़ / नीता कुकरेती

1,962 bytes added, 15:18, 15 नवम्बर 2020
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नीता कुकरेती |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीता कुकरेती
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGadhwaliRachna}}
<poem>
उंचा उंचा पहाड़ देखा गैरी -गैरी गदीनी,
तौं टेड़ा मेढा बाटा देखा, सैणी सैणी पुंगड़ी
बनी-बनी क फूल फल बनी-बनी का डाला
आरू ,किन्गोड़ ,बेडू ,हिंसरी का झाला
आह कनो आहा कनो रसीलो पहाड़ आहा कनो रसीलो पहाड़
उंचा उंचा पहाड़ देखा...........
ग्वेर जन्दन गोरू का दगड़ा बोण मा
तौं घाटयूं गुंजौन्दन मोछगं धुन मा
आह कनो आहा कनो सुरीलो पहाड़ आहा कनो सुरीलो पहाड़
उंचा उंचा पहाड़ देखा...........
थड़या चैंफला जब लगदिनी चौक मा
मुल -मुल हंसदिन गौं की बेटी ब्वारियां
आह कनो आहा कनो शरमीलो पहाड़ ...आहा कनो शरमीलो पहाड
उंचा उंचा पहाड़ देखा...........
रंग बिरंगीं धोती पैनी जन्दन मेला मा
जब मिलन्दन मैती भेंटी भेंटी रोन्दिन
आहा कनो खुदेड़ पहाड़ ......आहा कनो खुदेड़ पहाड़
उंचा उंचा पहाड़ देखा...........
तुम बौडीक आवा पहाड़, तुम बौडीक आवा पहाड़,

</poem>
Mover, Reupload, Uploader
3,967
edits