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एक सूनी नाव
तट पर लौट आई।
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'''[[रित्तो नाऊ / सर्वेश्वर दयाल सक्सेना / सुमन पोखरेल|यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्नलाई यहाँ क्लिक गर्नुहोस्]]'''
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