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<poem>
याद मुझे है आज भी वो सुदूर जंगली इलाका
नदी में जहाँ तैरा करते थे छपतैरा करता था छप-छप मार छपाका
जाड़ों में वहाँ जब आता था तेज़ बर्फ़ीला तूफ़ान   
सू-सू-सू सीटी बजाता ताक़त का करता बखान  
'''लीजिए, अब मूल रूसी भाषा में यह कविता पढ़िए'''
  Николай Рубцов
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