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197
तुमसे नाराज़ नहीं
तुम बिन गीत कहाँ
तुम सुर का साज़ रही।
298
दिल को भी सी लूँगा
सब तेरे आँसू
'''अँजुरी से पी लूँगा।'''399
कुछ ऐसा कर लूँगा
तेरा दुख दरिया
सीने में भर लूँगा
 
</poem>