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Kavita Kosh से
जहाँ तुम नहीं
वहाँ से चुपचाप चल दूँ।
'''तपन, जल, संघर्ष''''''पी जाऊँ घूँट -घूँटकर''''''भाल, पलकें, हथेलियाँ'''
जीभर जो चूम लूँ,
सुधापान व्यर्थ है