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|रचनाकार=कुमार मुकुल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
मन भर
बम बरसाने के बाद
इजरायल का प्रधान
फिलिस्तीन को
कोरोना का टीका
भेंट करना चाहता है
हत्यारे
हत्यारों के प्रति
उदार हैं आज
या कि उदारता
हत्यारों की शतरंज का
मोहरा है
यह कैसा समय है
जब दुनिया भर में
हत्यारे
प्रधान हुए जा रहे
बाइडेन
पुतिन को 'हत्यारा' कहता है
और मिलकर उसे
सोने का चश्मा भेंट करता है
बाइडेन के कहे पर
इतराता
पुतिन कहता है
के इससे
उसे कोई अंतर नहीं पड़ता
कि कौन उसे क्या कहता है !
</poem>
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मन भर
बम बरसाने के बाद
इजरायल का प्रधान
फिलिस्तीन को
कोरोना का टीका
भेंट करना चाहता है
हत्यारे
हत्यारों के प्रति
उदार हैं आज
या कि उदारता
हत्यारों की शतरंज का
मोहरा है
यह कैसा समय है
जब दुनिया भर में
हत्यारे
प्रधान हुए जा रहे
बाइडेन
पुतिन को 'हत्यारा' कहता है
और मिलकर उसे
सोने का चश्मा भेंट करता है
बाइडेन के कहे पर
इतराता
पुतिन कहता है
के इससे
उसे कोई अंतर नहीं पड़ता
कि कौन उसे क्या कहता है !
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