Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
जड़ दूँ एक चुम्बन
तुम्हारे माथे पर
कि सारी पीड़ा हर लू
चूम लूँ नयन और
तप्त अश्रु बूँद- बूँद पी लूँ
छीन लूँ तुम्हारे अधरों की उदासी
अधरों से छूकर
मैं इस तरह जी लूँ
कि तुम्हारा सारा दुःख
अपने भीतर समेट लूँ
ताकि तुम मुस्कुरा सको.

</poem>