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14:38, 28 जनवरी 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा राजवंशी
|अनुवादक=
|संग्रह=कंगारूओं के देश में / रेखा राजवंशी
}}
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<poem>
आख़िरकार
अजनबी आया
अपने साथ
संदेसा लाया ।
साथ में लाया
भाई की भेजी
काजू की बर्फी,
भाभी के भेजे
बच्चों के कपड़े,
माँ का हाथ का
खट्टा- मीठा चूरन,
और घर का बना
आम का अचार ।
और मेरे लिए
बेमौसम आ गया,
कंगारूओं के देश में
तीज का त्यौहार ।
</poem>