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14:38, 28 जनवरी 2022 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा राजवंशी
|अनुवादक=
|संग्रह=कंगारूओं के देश में / रेखा राजवंशी
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कंगारूओं के देश में
खाली-खाली रात
किससे करूँ बात?
सप्ताहांत में
कुछ लोग सो रहे हैं
सामने की यूनिट में
कुछ शराब पीकर
लड़ रहे हैं,
रो रहे हैं ।
दूसरी इमारत में
कुछ जवान लड़के
लगातार संगीत
जोरदार
नाच रहे हैं ।
कुछ लोग
सड़क पर
आ जा रहे हैं
कुछ युवा जोड़े
हाथ में हाथ डाले
जैसे कुछ
गा रहे हैं ।
मेरी उदासी
बढ़ती जा रही है
और अपनों की
याद आ रही है ।
</poem>