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उड़ान / पद्मजा शर्मा

No change in size, 06:39, 5 मार्च 2022
पर उड़ना कोई खेल नहीं
पंखों को खोल लूँ, तौल लूँ
आष्वस्त आश्वस्त हो लूँ
कि मेरे पाँवों तले की ज़मीन मेरी ही है
उड़ने वाले को यह जान लेना चाहिए
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