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{{KKRachna
|रचनाकार=विंदा करंदीकर
|अनुवादक=दिनकर सोनवलकर
|संग्रह=
}}
मेरे ख़ून में जो पुरोहित है, वह हटता नहीं
ब्याह रचाने का शौक घटता नहीं ।
'''मराठी भाषा से अनुवाद : दिनकर सोनवलकर'''
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