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घर लौटते हुए / वेणु गोपाल

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सारा का सारा शोर-शराबा
उस सुनसान में
सेंधलगानेमेंसेंध लगाने में
नाकामियाब होता हुआ। हमेशा।
फिर भी बाज नहीं आता
अपनी हरकत से।
घर मेरे साथ हमेशा रहताहै। रहता है। मैं
चाहे जिस सड़क पर, चाहे जहाँ रहूँ।
कभी जेब से
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