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हाइकु / रश्मि विभा त्रिपाठी / रश्मि विभा त्रिपाठी
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09:44, 26 मई 2022
सुधि ते छुट्टी
मिलै
पाई
इतवार
तौ
त
सँथावौं तनी।
7
आस जौं टूट
तुम दै नेह- मूरि
जिया
लेहि
लेति
हौ।
12
माथे लगाऊँ
जहिते प्रेम- तागु
मिति नाँघिस।
-0-
</poem>
वीरबाला
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