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1
जब भी खिले
अमलतास फूल
वो हमें मिले।
जबै बिक्सिन
अमिलतास फूल
वै हम्का लहे।
2
जलती धरा
बरस पड़ी बूँदें
फैली ख़ुशबू।
जरइ भुइबरसि परीं बूँनीमाँचिसि खुस्बू ।3देखा हमने-कपूर की तरहउड़ता प्यार। लखिसि हम कपूर कइ नाईं उड़ै पियार।4भर दो रंगख़ाली है जीवन काये कैनवास। भरउ रंग छूँछा जिनगी क्यारई कैनबास।5न पूछो कोईउदासी का सबब,नसीब यही। न पूछौ कौनौउदासी क कारन भाविउ यहै।6लरजती हैसीप की तलाश मेंस्वाति की बूँद। लरजति ह्वैसीपी कइ टोह माँस्वाति कै बूँन।-0- </poem>