Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= रश्मि विभा त्रिपाठी |संग्रह= }} Categ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= रश्मि विभा त्रिपाठी
|संग्रह=
}}
[[Category:चोका]]
<poem>
सबके लिए
हम जितना मरे
वे सब मिले
बस बिष से भरे
यही जीवन
यही भाग्य अपना
अपने लिए
'''सुख, जैसे सपना'''
भटकें हम
रोज बीहड़ बन
कोई नहीं अपना।
-0-

</poem>