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आज़ादी सबको मिले / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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03:10, 20 अगस्त 2022
चार पैग जो पी गया, भूला जग का बैर।
गिर नाली के कीच में, माँगे सबकी खैर।।
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न जाने इस जीवन में, हुई कौन-सी चूक ।
कैसे उनसे पीर कहें, आज हुए हम मूक ॥
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वीरबाला
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