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Kavita Kosh से
*[[दूर्वा / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[अबकी बार जो मिलोगे / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[बुद्ध बन जाना तुम / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[मैंने हथेलियों में तुम्हारी / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[तुम्हारी ही देह के पंचतत्त्व में... / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[शताब्दियों से मैंने पढ़ी है / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[एक अरसे बाद लिखी कविता..... / सांत्वना श्रीकांत]]
*[[लघु कविताएँ / सांत्वना श्रीकांत]]