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रात कभी दिन तक नहीं पहुँचती,सर्दी कभी गर्मी से नहीं मिलती,वे दूर- हैं और एक दूसरे के विपरीत हैंनिबंध लेखन,रात और दिन के बीच प्रतीक्षालयसुबह और शाम के बीच रोजाना संघर्ष होता हैसर्दी और गर्मी के बीच रहता हैवर्षा और हेमंत नाम के दो मिडिल क्लाससरत नाम के एक सज्जनअक्सर उनके झगड़ों में मध्यस्थता करता हैप्रतीक्षा अंतहीन हो सकती हैलोगों को इसका एहसास कभी नहीं होता।पेड़ समझते हैं, वे प्रतीक्षा करते हैं,जिस दिन रात दिन से मेल खाएगीसर्दी और गर्मी के बीच कोई दूरी नहीं होगी।
'''मूल बांगला से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
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