Changes

और जिसकी कि सुबह का भी गगन काला है।
काँपती लौ, यह सिपाहीसियाही, यह धुआँ यह काजल
उम्र सब अपनी इन्हें गीत बनाने में कटी,
कौन समझे मेरी आँखों की नमी का मतलब
358
edits