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मौलिक रचना : महावीर जोशी लेखाकार
पुलासर (सरदारशहर) राजस्थान
 
== पुराणी तस्वीर ==
 
कागज पर असीर
 
बन जाती है
 
उम्र की एक कब्र
 
कुरेदता हूँ
 
जब भी उसको
 
पूछती है ...... उस्ताद
 
मुझे कैद कर आजाद
 
रहने वाले ...तुम्हारी
 
ताब-ऐ-तासीर
 
तबाह क्यूँ है ?
 
उम्र के .........
 
किस पड़ाव पर हो ?