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एकाकार / सुधा एम. राई

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हिजोआज
लेखी सिद्धाएपछि
मलाई
हर कविताले
प्राण माग्छ,
जीवन माग्छ,
प्रेम माग्छ,
खुशी माग्छ अनि
मृत्यु माग्छ।
यसरी, रित्तिएर
खालीपनमा
</poem>
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