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अनुभव-परिपक्व / अज्ञेय

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<Poem>
: माँ हम नहीं मानते--
:: मुझे एक दो पैसे वाली
:: काग़ज़ की फिरकी तो ले देना।
:: अच्छा म्मैं मैं लट्टू नहीं मांगता--
:: तुम बस दो पैसे दे देना।
--अच्छा, माँ मुझे खाली मिट्टी दे दो--
मैं कुछ नहीं मांगूंगा :
मले मेले जाने का हठ नहीं ठानूंगा।
जो कहोगी मानूंगा।
</poem>
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