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<Poempoem>तुम न आए तो क्या सहर<ref>प्रात:</ref> न हुईहाँ मगर चैन से बसर<ref>गुज़रना</ref> न हुईमेरा नाला<ref>रोना-धोना, शिकवा </ref>सुना ज़माने ने
एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई
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