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'''पाली अनुवाद:अहमायू अतीता'''
'''रचनाकार :डॉ॰ कविता भट्ट: शैलपुत्रीय:'''
'''अनुवादक:राम प्रताप सिंह'''
अतिस्सरलमासीच्च
नग्गफनीयम वरधियम
परमहम वरधितुम नासक्कम परिसमस्स कारमासीच्च ,पुप्फवरुधम। किञ्करन्नानि परम ?
मम पुप्फपीती इतासीच्च यद
हिरिद्दीभूमीसिच्चने अहमायू अतीता ।
मितानी पुप्फानी रदनञ्किता
ये अत्तमीसम कथयनुद्दानपालक इति कथयन्ती ।