भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
मेरी तबीयत ठीक नहीं होगी ।
मेरी तबीयत कभी ठीक नहीं रही
ब्रम्हाण्ड ब्रह्माण्ड पर लेटे बग़ैर ।
मुझे ज़रा माफ़ करना... कैसा ज़ालिम ज़ुकाम है जिस्मानी !
मुझे ज़रूरत है सच्चाई की और एस्प्रिन की ।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,616
edits