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और यह जानकर पल्लवित होने के
लिए आई थी
पर तुमने मुझे जो सिखाया, वह तुम्हारे बारे में था,
तुम मेरे शरीर के जवाब से, उसके मौसमों से,
इसकी सामान्य तुच्छ सी ऐंठन से ख़ुश हुए
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