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Kavita Kosh से
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अगर किसी धातु में कभी बदला जाऊँ मैं
सिक्के न डालना ढालना मुझसे टकसाल में
बटुए या कि थैली में न क़ैद किया जाऊँ मैं
दूर रखना लोभियों कृपणों से हर हाल में