Changes

बेजगह / अनामिका

317 bytes added, 04:33, 26 अगस्त 2023
ऐसी ही समझी-पढ़ी जाऊँ
जैसे तुकाराम का कोई
अधूरा अंभगअभंग!   ......................................................................'''[[स्थानविहीन / अनामिका / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।]]'''
</poem>
Mover, Reupload, Uploader
9,789
edits