भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKCatGhazal}}
<poem>
सिर्फ़ मोबाइलों से प्यार की बातें करते।
क्या सियासत है तुम्हारी इसे हम जान गये
</poem>