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वो बड़े वो लोग हैं किरदार की बातें करते
सिर्फ़ मोबाइलों से प्यार की बातें करते।
क्या सियासत है तुम्हारी इसे हम जान गये
रोशनी छीन दिए बुझा के अब उजियार की बातें करते।
</poem>
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