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कौन हो तुम लोग
इन ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर आगे बढ़ रहे हो
तुम्हारे बदन से चू रहा है पसीना ?
हम पहाड़ी इलाकों के किसान हैं
भोर में निकले थे
हवा की फ़सल लेकर
पर समय ने उगा दिए हैं माया के अंकुर
स्तेपी में उगने वाली मायावी घास की तरह
हमारी फ़सल वहीं मेड़ों के बीच रह गई ।
ऐसा कैसे हुआ ?
अगर रात इतनी जल्दी न उतर आती
तो हमने अपनी दराँतियों से फ़सल काट ली होती ।
मौन, मृत्यु और पत्थर
समुद्र की ओर उतरे ।
उन्होंने उसकी लहरों
और थरथराहटों को इकट्ठा किया
ताकि हर चीज़ को बेहतर बना सकेंं
बेहतर और सुनिश्चित !
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
The Reapers
Who are you, trekking along rough roads,
sweat secreting from your bodies?
- We are the reapers of the rolling hills.
We set out at dawn
and harvested the wind
and time
and hallucinations sprouting
If the night hadn't fallen so soon
we would've reaped with our scythes
silence, death and stone
and descended toward the sea