भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
होगी हम तुममें समता?
- जग्गनाथ जगन्नाथ जोशी
पूर्ण कविता
होगी हम तुममें समता?
- जग्गनाथ जगन्नाथ जोशी
</poem>