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|रचनाकार= ईश्वरवल्लभ
|अनुवादक=सुमन पोखरेल
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<poem>
एक प्रश्न पुराना
प्रश्न चलने वाले रास्ते का ही है
और पहुँचने वाले रास्ते का ही है।

यद्यपी यात्रा शुरू हो गई!

लेकिन अभीष्ट पे पहुँचेंगे या नहीं
पहुँच नहीं पाएंगे का आशंका भी
कहने का डर का ही है।

आदिम अर्थ
भयभीत होने का अर्थ। हमेशा।

और पेड़ और सांप की कहानी
शैतान और धोखे की कहानी
एक भ्रान्ति, खाएँ या नहीं खाएँ का
वर्जित फल की कहानी।

अज्ञात और अपरिचित कोई
कोई न चाही गई मंज़िल है वह
लक्ष न साधने पर भी पहुँचनी ही है
सतत बाध्यता!

गुफा में या किसी अंधेरे में
हर बिजली के गमन में उछलता
और खामोश उजाले का तीव्र आभास
उनके क्रूर प्रहार में
उसके बाद प्रवेश करनेवाला - उजाला
छोटे-छोटे उजाले
उजाले की गुफा।
०००

''यहाँ तल क्लिक गरेर यस कविताको मूल नेपाली पढ्न सकिनेछ-''
'''[[उज्यालोको गुफा / ईश्वरवल्लभ]]'''
</poem>
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