Changes

पटकथा / पृष्ठ 8 / धूमिल

9 bytes added, 06:47, 27 सितम्बर 2024
और आज तक –
नींद और नींद के बीच का जंगल काटते हुये
मैंने कई रातें जागकर गुजार गुज़ार दी हैंहफ्ते हफ़्ते पर हफ्ते हफ़्ते तह किये हैं।
ऊब के
निर्मम अकेले और बेहद अनमने क्षण
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,141
edits