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नदियाँ माँ हैं / सुधा गुप्ता

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गातीं चट्टानें
सरस जलगीत
निष्छल प्रीत्। प्रीत।
17
मोती-सा जल
तिरती नई नावें
सोन जल में ।
 
 
25
गंगा के जल
पापी पर न गिरे
जल -फुहार
 
</poem>