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18:35, 2 दिसम्बर 2024 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=प्रिया वर्मा
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<poem>
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं
वृक्षात् पत्राणि पतन्ति
से यानी अपादान कारक
मानी
पञ्चमी विभक्ति एकवचन
कोष्ठक में
अलग होने के अर्थ में
पत्ते गिरते रहेंगे
व्याकरण में
पतझड़ का मौसम हमेशा रहेगा
अलग होना समझाने के लिए
</poem>