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{{KKRachna
|रचनाकार=दिनेश शर्मा
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>
दाल मिले औ रोटी
बात नहीं ये छोटी
खून पसीना इक कर
छू पाओगे चोटी
मकसद हल करने को
सीख बिठाना गोटी
मनचाहा फल मिलना
कोशिश माँगे मोटी
बरकत इस पर निर्भर,
नीयत खरी या खोटी
मनचाहे दिन आए
देखूं काट चिकोटी
मतलब घी खाने से
नाक कटे या चोटी
</poem>
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दाल मिले औ रोटी
बात नहीं ये छोटी
खून पसीना इक कर
छू पाओगे चोटी
मकसद हल करने को
सीख बिठाना गोटी
मनचाहा फल मिलना
कोशिश माँगे मोटी
बरकत इस पर निर्भर,
नीयत खरी या खोटी
मनचाहे दिन आए
देखूं काट चिकोटी
मतलब घी खाने से
नाक कटे या चोटी
</poem>