गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अनुभव-परिपक्व / अज्ञेय
3 bytes added
,
03:29, 25 नवम्बर 2008
Changed मले to मेले
--अच्छा, माँ मुझे खाली मिट्टी दे दो--
मैं कुछ नहीं मांगूंगा :
मले
मेले
जाने का हठ नहीं ठानूंगा।
जो कहोगी मानूंगा।
</poem>
Sneha.kumar
44
edits